अंधविश्वास,डायन (टोनही) प्रताड़ना एवं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जनजागरण

I have been working for the awareness against existing social evils,black magic and witchcraft that is prevalent all across the country and specially Chhattisgarh. I have been trying to devote myself into the development of scientific temperament among the mass since 1995. Through this blog I aim to educate and update the masses on the awful incidents & crime taking place in the name of witch craft & black magic all over the state.

Monday, September 26, 2011

महिलाओ की अग्निपरीक्षा ;आज भी जारी *

महिलाओ  की अग्निपरीक्षा ;आज  भी जारी *  पिछले दिनों  मुझे इंदौर  के पास धारजिले से एक खबर मिली  की वहा  भीलखेडी ग्राम में मोतीलाल ने अपनी  बीबीरेवाबाई  की पवित्रता की अग्निपरीक्षा  ले डाली  .उसने को आग  में बैठा  दिया कि उसे  आग नुक्सान नहीं पंहुचा सकती वह आग से बिना  किसी  नुकसान  के बाहरआ  जाएगी , वह अपने पति कि बातो में आकर  आग में  बैठ  गयी  ,परिणाम स्वरूप  उसे धार के जिला अस्पताल  में बुरी तरह से जली हालत में भरती करना  पड़ा ऐसा  ही  एक मामला राजकोट  के सुरेंद्रनगर का था जहाँ एक महिला को उबलते तेल  में हाथ डाल कर अग्निपरीक्षा देनी पड़ी , रतलाम के पास तो गरमा लोहे के खंते को ,व गर्म तवे पर हाथ रखवा  कर अग्निपरीक्षा  लेने घटनाए हुई  है    बेन्द्री गाव  में  तो स्वयं  को  टोनही  नहीं  होने  का प्रमाण  देने  के लिए  आग  का  घेरा  पार  करने  कि परीक्षा देने कि फरमान  दिया  गया था   जिसे हमने गाव  में जाकर  रुकवाया था  ,पुरानी परंपरा के नाम  पर  अंधविश्वास की यह बर्बर  प्रथाए  जनजागरूकता  से समाप्त  की जा सकती है     

Sunday, September 18, 2011

फिर हुई अन्धविश्वास के कारण हत्या

फिर  हुई  अन्धविश्वास  के  कारण हत्या , बिलासपुर  में एक महिला  लीला बाई  की  उसके  पड़ोसियों  ने  तलवार  से काट काट कर  हत्या  कर  दी  ,क्योकि  उन्हें शक था  की लीला बाई के जादू टोने  करने  से ही  उनके परिवार  के सदस्य बीमार  पड़ते  है ,वह गरीब और विधवा महिला  मजदूरी कर के अपने दो बच्चो  को पल पोश रही थी , घटना के वक्त लीलाबाई बिलासपुर  में गणेश विसर्जन  की झांकिया देख  रही  थी तब उसे घेर  कर मार डाला गया, अत्यंत दुखद  एवं मानवता के लिए  शर्मनाक घटना .   

Sunday, September 11, 2011

भूत -प्रेत की मान्यता अंधविश्वास

भूत -प्रेत  की मान्यता  अंधविश्वास ,   भूत प्रेत ,के अस्तित्व के सम्बन्ध  में वर्तमान समय में  भी लोग असमंजस  में रहते है ,जबकि भूत प्रेत की धारणा सिर्फ अंधविश्वास है ,मनोरोगियो  को प्रेत बाधा  ग्रस्त  मानकर  उनकी झाडफूंक की जाती है ,तो कही -कही पर उन्हें भूत  भगाने के नाम पर उन  मनोरोगियो  की डंडो,चाबुक ,से पिटाई ,की जाती है  तो कही  उनको मिर्च  की धूनी दी जाती  है ,संकलो से बांध कर रखने ,भूखे प्यासे रखकर प्रताड़ित करने के भी मामले सामने आये है .जबकि सही चिकित्सकीय उपचार से वे निरोग हो सकते है .ग्रामीण   ऐसेअंधविश्वास  में न फसे .बच्चों को भूत प्रेत  की  काल्पनिक कहानिया सुनाकर न डराए  बल्कि  उन्हें  आत्मविश्वास  बढ़ानेवाली वास्तविक जानकरिया दे .   ग्राम अम्लेशवर डीह  में  आयोजित  रात्रि सभा  में  व्याख्यान   

Friday, September 9, 2011

पपीते से गणपति निकलने का प्रचार "

"पपीते  से गणपति  निकलने का प्रचार " लक्ष्मी नगर  से रविवार  को हमें खबर मिली  कि,वहा  पर एक घर  में  जब पपीता  काटा गया .तब उसमे  से गणपति  निकले है ,प्रादेशिक  न्यूज़  चैनल  में भी यह खबर दिखाई  गयी  हम भी वहां  पहुचे ,ऐसे मामले पहले  भी आ चुके  है  जब पपीते ,नारियल  जैसे फलो  को तोड़ने  पर उसमे से ऐसी  संरचनाये बनी दिखती  है   जिन्हें देखने  पर लोगो का भ्रम  में पड़ना  स्वाभाविक है .पपीते  में जो  प्लेसेंटा  होता है  उसमे असामान्य वृद्धि  हो  जाने से वह अपेक्षाकृत  मोटा हो  जाता  है  जिसे लोग सूंड मानकर उसे गणपति  कहने लगते है , उसी  प्रकार  नारियल में जब बीज नारियल के अन्दर  अंकुरित हो जाता  है तब उसे  भी किसी भी किसी देवता जैसा मान कर उसका भी प्रचार हो जाता है ,जबकि वास्तव  में यह असामान्य  वृद्धि का नतीजा है  ऐसा ही एक मामला  कुछ वर्ष  पूर्व आया  था , 

Sunday, September 4, 2011

"मूर्ति से केसर बहने की घटना

"मूर्ति से केसर  बहने  की घटना " रायपुर  के एक मंदिर में स्थापित  मूर्ति के मस्तक  से केसर  बहने  की घटना  शुकवार  की रात प्रचारित  हुई ,जिसमे हमने लोगो से कहा  कि ,किसी भी प्रतिमा से  इस प्रकार केसर  या  किसी भी वस्तु काचमत्कारिक  रूप  से  निकलना  वैज्ञानिक दृष्टि से संभव  नहीं है ,इसके पहले भी कुछ  स्थानों से मूर्तियों से  आंसू  निकलने ,शहद ,भभूत   ,निकलने  की बाते  प्रचारित  हुई  थी ,जो बाद में भ्रामक  निकली  .वास्तव  में श्रद्धालु  मूर्तियों  पर  अभिषेक  करते  समय जो जल ,चन्दन ,केसर ,दूध चढाते  है ,वही पदार्थ  बाद में उन मूर्तियों से बाहर आताहै ,हमने अपील  की कि लोग अन्धविश्वास  में न पड़े ,