महिलाओ की अग्निपरीक्षा ;आज भी जारी * पिछले दिनों मुझे इंदौर के पास धारजिले से एक खबर मिली की वहा भीलखेडी ग्राम में मोतीलाल ने अपनी बीबीरेवाबाई की पवित्रता की अग्निपरीक्षा ले डाली .उसने को आग में बैठा दिया कि उसे आग नुक्सान नहीं पंहुचा सकती वह आग से बिना किसी नुकसान के बाहरआ जाएगी , वह अपने पति कि बातो में आकर आग में बैठ गयी ,परिणाम स्वरूप उसे धार के जिला अस्पताल में बुरी तरह से जली हालत में भरती करना पड़ा ऐसा ही एक मामला राजकोट के सुरेंद्रनगर का था जहाँ एक महिला को उबलते तेल में हाथ डाल कर अग्निपरीक्षा देनी पड़ी , रतलाम के पास तो गरमा लोहे के खंते को ,व गर्म तवे पर हाथ रखवा कर अग्निपरीक्षा लेने घटनाए हुई है बेन्द्री गाव में तो स्वयं को टोनही नहीं होने का प्रमाण देने के लिए आग का घेरा पार करने कि परीक्षा देने कि फरमान दिया गया था जिसे हमने गाव में जाकर रुकवाया था ,पुरानी परंपरा के नाम पर अंधविश्वास की यह बर्बर प्रथाए जनजागरूकता से समाप्त की जा सकती है
Monday, September 26, 2011
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