जब
से हमने अन्धविश्वास ,पाखंड के खिलाफ अभियान शुरू किया है अनेक
पुजारियों ,मठाधीशो के आपत्ति जनक काम बंद हुए ह ,उनकी आमदनी में
भी शायद कमी आई है .उन में से कुछ कभी तो धमकीया देते हँ तो
कुछ अनर्गल प्रलाप करते है ,उन्ही में से किसी पुजारी ने पहले तो मेरे पेज
पर जाकर लाइक किया फिर कुछ घंटे बाद कमेन्ट किया , कि,आप धर्म के
खिलाफ काम करते है ,विदेशो से पैसा आता है ,बाकी धर्म के
विरोध में नहीं बोलते ,आदि आदि ,जबकि 1995 से जब से हमने अन्धविश्वास
निर्मूलन का काम आरम्भ किया है बिलकुल स्वैच्छिक रूप से किया है 1995 से
आज त़क हमने किसी सरकारी ,निजी ,देशी ,विदेशी एजेंसी एक धेला भी मदद
,चंदा ,फंड नहीं लिया है न ही भविष्य में कभी लेंगे .इस बात कि कोई भी किसी
भी एजेंसी से जांच भी करा सकता है.चंगाई सभा के खिलाफ पूरे देश में सबसे
पहले हमने ही आन्दोलन धरना किया तथा उन्हें लिखित में लिया खा कि वे अपनी
सभा में मरीजों को नहीं लायेंगे ,अभी २३ मईको मैंने एस.पी.को लिखित में
शिकायत कि थी कि होटलों में बहार से आये मूसा ,पाशा जैसे कुछ ठग तांत्रिक
रुक रहे है तथा लोगो को ठग रहे है.यदि वे पुजारी ,चाहे तो मेरे पास आकर
चंगाई ,तांत्रिको ,कि ठगी के खिलाफ कार्यवाही /अभियान के कागजात देख सकते
है और अंतिम बात पुजारी को यह क्यों नहीं समझ में आता कि जादू टोन ,टोनही
जैसे अन्धविश्वास के कारण निर्दोष महिलाओ को प्रताड़ित होने से बचाना कैसे
धर्मं विरोधी हो सकता है ,नरबली ,पशुबलिसे निर्दोष जानो को बचाना
,नेत्रदान .के लिए प्रेरित करना कैसे धर्मं विरोधी हो सकता है . डॉ.दिनेश
मिश्र .अध्यक्ष अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति
Monday, July 8, 2013
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