#Awareness against #witchcraft and #superstitions. मुझे जानकारी मिली थी कि खरोरा के पास एक गाँव की लड़की को उसके ससुराल वालों ने डायन/टोनही के शक में बुरी तरह प्रताड़ित किया है उसे न केवल मारा पीटा गया ;मिटटी का तेल छिड़क कर आग लगाने की कोशिश की गयी और तो और हरेली के दिन बैगा को बुलाया गया जिसने उसके हाथ पर कपूर रख कर जला दिया; जब वह तंग आकर अपने मायके गयी तो वहां भी उसे समाज के बंधनो के चलते जगह नहीं मिली अंत में जब वह शिकायत करने पुलिस थाने गयी तो उसे नारी निकेतन जाने की सलाह दी गयी; मैंने उस युवती से नारी निकेतन जा कर मुलाकात की उसकी आपबीती सुनी ; उसने बताया कि ससुराल में टोनही के आरोप में प्रताड़ना सहते जब उसे जान का खतरा महसूस होने लगा तो उसने मायके की शरण ली पर जब मायके वालों ने समाज क़ी बंदिश के कारण अपनाने से इंकार दिया तो उसे किसी ने पुलिस थाने जाने की सलाह दी और फिर वह मायके और ससुराल में
भर पूरा परिवार होने के बाद भी नारी निकेतन की शरण में आ गयी उसने मुझे अपनी हथेली में जलने का निशान भी दिखाया जो बैगा के जलाने से बना है वह अब पढ़ाई भी करना चाहती है : मैंने उससे कहा है कि मैं उसके मायके वालों ;ससुराल वालों और उसके समाज के लोगों से जाकर मिलूंगा और उन्हें समझाऊंगा कि वे अपने अन्धविश्वास और रूढ़िवादी सामाजिक नियमों के चलते एक निर्दोष और भोली भाली युवती का भविष्य अंधकारमय न करें फिर मैंने उस बालिका के ग्राम जाकर उसके पिता ,दादा ,उस की मां से मुलाकात की ,तब वहां पता चला क़ि सामजिक बहिष्कार के डर से वे न ही उस बच्ची से मुलाकात करने जा पा रहे हैं और न ही उसे घर में रख पा रहे हैं क्योंकि उनके ग्राम में ऐसी घटनाएं हुई है जिसमे पूरे परिवार का समाज से बहिष्कार कर दिया गया और वे आजीवन समाज से बाहर रहे ,हमने उन्हें उनके समाज के प्रमुखों से बातचीत कर मामले को सुलझाएंगे. डॉ दिनेश मिश्र
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