अंधविश्वास,डायन (टोनही) प्रताड़ना एवं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जनजागरण

I have been working for the awareness against existing social evils,black magic and witchcraft that is prevalent all across the country and specially Chhattisgarh. I have been trying to devote myself into the development of scientific temperament among the mass since 1995. Through this blog I aim to educate and update the masses on the awful incidents & crime taking place in the name of witch craft & black magic all over the state.

Wednesday, August 18, 2021

 

Dr.Dinesh Mishra dr.dineshmishra@gmail.com

AttachmentsMon, 9 Aug, 16:15 (9 days ago)
to sunilAbhisheksanjivSandeepcitydeskraipurDESHBANDHUGurmeetBrahmaveerKamlakarAvdheshEjaz
# कोई नारी डायन/टोनही नहीं : डॉ. दिनेश मिश्र,  
@ सावधानी रखकर बीमारियों से बचे.मास्क,सेनिटाइजर, किताबें वितरित की गईं.
@ हरेली में  रात्रि भ्रमण,

# अंधविश्वास, पाखंड व सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन के लिए कार्यरत संस्था अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र  ने कहा हरियाली के प्रतीक हरेली अमावस्या की रात को ग्रामीणजनों के मन से टोनही, भूत-प्रेत का खौफ हटाने के लिए समिति ने गांवों मे रात्रि भ्रमण कर ग्रामीणजनों से संपर्क किया,,समिति के दल ने रात्रि 10.00 बजे से रात्रि 3.00 बजे तक  रायपुरा, अमलेश्वर, अमलेश्वरडीह, कोपेडीह, मोहदा झीठ,ग्रामों का दौरा किया। रात्रि में नदी तट ,तालाब,श्मशान घाट पर भी गए.कहीं कहीं ग्रामीणों ने जादू-टोना, झाडफ़ूंक पर विश्वास होने की बात स्वीकार की। लेकिन किसी ने भी कोई अविश्वसनीय चमत्कारिक घटना की जानकारी नहीं दी।


समिति के दल  में शामिल डॉ दिनेश,मिश्र  डॉ.शैलेश ,ने अनेक ग्रामीणों से चर्चा की ,समिति ने ग्रामीणों को मास्क, सेनिटाइजर,अंधश्रद्धा निर्मूलन से सम्बंधित पम्पलेट ,किताबें वितरित किया.
 डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा ग्रामीण अंचल में हरियाली अमावस्या (हरेली) के संबंध में काफी अलग अलग मान्यताएं हैं अनेक स्थानों पर इसे जादू-टोने से जोड़कर भी देखा जाता है, कहीं-कहीं यह भी माना जाता है कि इस दिन, रात्रि में विशेष साधना से जादुई सिद्वियां प्राप्त की जाती है जबकि वास्तव में यह सब परिकल्पनाएं ही हैं, जादू - टोने का कोई अस्तित्व नहीं है तथा कोई महिला टोनही नहीं होती। पहले जब बीमारियों व प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में जानकारी नहीं थी तब यह विश्वास किया जाता था कि मानव व पशु को होने वाली बीमारियां जादू-टोने से होती है। बुरी नजर लगने से, देखने से लोग बीमार हो जाते है तथा इन्हें बचाव के लिए गांव, घर को तंत्र-मंत्र से बांध देना चाहिए तथा ऐसे में कई बार विशेष महिलाओं पर जादू-टोना करने का आरोप लग जाता है वास्तव में सावन माह में बरसात होने से वातावरण का तापमान अनियमित रहता है, उमस, नमी के कारण बीमारियों को फैलाने वाले कारक  बैक्टीरिया,फंगस वायरस अनुकूल वातावरण पाकर काफी बढ़ जाते है। इस समय विश्व में कोरोना के संक्रमण का प्रकोप है जिससे बचाव के लिए भी सावधानी रखना आवश्यक है ,मास्क पहिनने  ,बार बार हाथ धोने ,आपसी दूरी बनाए रखने सोशल डिस्टेन्स बनाये रखने से कोरोना से बचा जा सकता है वही दूसरी ओर गंदगी, प्रदूषित पीने के पानी, भोज्य पदार्थ के दूषित होने, मक्खियां, मच्छरो के बढने से बीमारियां एकदम से बढ़ने लगती हैं  जिससे गांव, गांव में आंत्रशोध, पीलिया, वायरल फिवर,डेंगू, मलेरिया के मरीज बढ़ जाते है तथा यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया हो तो पूरी बस्ती ही मौसमी संक्रामक रोगों की शिकार हो जाती है। वहीं हाल फसलों व पशुओं का भी होता है, इन मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पीने का पानी साफ हो, भोज्य पदार्थ दूषित न हो, गंदगी न हो, मक्खिंया, मच्छर न बढ़े,जैसी बुनियादी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां रखने से  लोग पशु कोरोना तथा अन्य संक्रमणों व बीमारियों से बचे रह सकते है। इस हेतु किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र से घर, गांव बांधने की आवश्यकता नहीं है। साफ-सफाई अधिक आवश्यक है, इसके बाद यदि कोई व्यक्ति इन मौसमी बीमारियों से संक्रमित हो तो उसे फौरन चिकित्सकों के पास ले जाये, संर्प दंश व जहरीले कीड़े के काटने पर भी चिकित्सकों के पास पहुंचे। बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई, पानी को छानकर, उबालकर पीने, प्रदूषित भोजन का उपयोग न करने तथा गंदगी न जमा होने देने जैसी बातों पर लोग ध्यान देंगे तथा स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहेंगे तो तंत्र-मंत्र से बांधनें की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बीमारियों खुद-ब-खुद नजदीक नहीं फटकेंगी, मक्खिंया व मच्छर किसी भी कथित तंत्र-मंत्र से अधिक खतरनाक है। 
 डॉ. मिश्र ने कहा ग्रामीणजनों से अपील है कि वे अपने गांव में अंधविश्वास न फैलने दे तथा ध्यान रखें कि गांव में कोई महिला को जादूटोने के आरोप में प्रताडि़त न किया जाये। कोई भी नारी टोनही नही होती.  ग्रामीणों ने आश्वस्त किया कि उनके गांव में कभी भी किसी महिला को टोनही के नाम पर प्रताडि़त नहीं किया जावेगा तथा ध्यान रखेंगे कि आसपास में ऐसी कोई घटना न हो।  कुछ ग्रामीणों ने कहा  कि यह माना जाता है कि हरेली की रात टोनही बरती (जलती हुई) दिखाई देती है। लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि यह सब सुनी सुनायी बातें हैंै। समिति को कोई भी ऐसा प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला जिसने ऐसी कोई चमत्कारिक घटना देखी हो। लेकिन रात्रि में लोग खौफजदा रहते है और घर से बाहर निकलने में डरते है। ग्रामीण टोनही के अस्तित्व पर या उसके कारगुजारियों पर चर्चा जरूर करते हैं पर यह नहीं बता पाते कि किसी ने हरेली के रात वास्तव में कुछ करते हुए देखा। 
डॉ. मिश्र ने कहा कि सुनी सुनायी बातों के आधार पर अफवाहें एवं भ्रम फैलता है, वास्तव में ऐसा कुछ भी चमत्कार न हुआ है और न संभव है। इसलिये किसी भी को ग्रामीण को कथित जादू-टोने  अथवा टोनही भ्रम व भय में नहीं पडना चाहिए। 
 डॉ. दिनेश मिश्र

 #जादू टोने के सन्देह में मुंगेली में  जलाई गई महिला की  दुःखद मृत्यु .डॉ दिनेश मिश्र

@कोई नारी टोनही नहीं


# अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने कहा मुंगेली के लोरमी  चिल्फी के अंतर्गत ग्राम घठोली  की  पिछले दिनों एक बुजुर्ग महिला की मृत्यु टोनही प्रताड़ना के  चलते जला दिए जाने से हो गई है ,पर इस संबंध में अभी तक कोई भी व्यक्ति गिरफ्तार नहीं हुआ है ,आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही करने की हेतु गृह मंत्री  को पत्र  लिखा जा रहा है  तथा महिला आयोग को भी जानकारी दी जा रही है.
डॉ दिनेश मिश्र ने बताया कि मृतक महिला की बेटी यशोदा बाई ने उन्हें जानकारी दी है कि उसकी मां सबाना बाई ध्रुव पर  कुछ समय से  से गांव के कुछ लोगों द्वारा  जादू टोने का शक किया जाता था तथा उसे सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था ,जिसके कारण वह  शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान रहती थी तथा वह प्रताड़ना के सम्बंध में अपनी शिकायत दर्ज कराने 11 जूनतथा 14 जून  को चिल्फी तथा लोरमी   भी गई थी पर उसकी शिकायत दर्ज नहीं हो पाई,बल्कि उसके शिकायत करने जाने की बात पता चलने पर कुछ ग्रामीणों द्वारा उसके साथ मार पीट की गई तथा सबाना बाई को  उसके घर में 14 जून  को जला दिया गया ,जिससे वह गंभीर रूप से  जल गयी, व आहत हो गई,  उक्त  बुजुर्ग महिला ने अपनी बेटी यशोदा बाई को इस मामले की जानकारी दी ,सबाना बाई  को इलाज के लिए बिलासपुर और फिर रायपुर  अस्पताल में ले जाया गया जहां19 जून  उसकी  दुःखद मृत्यु हो गई. एक बुजुर्ग आदिवासी महिला की इस प्रकार सामाजिक कुरीति के चलते  प्रताड़ना पूरे समाज के लिए अत्यंत शर्मनाक है .इस मामले में प्रशासन को तुरंत कार्यवाही कर आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए तथा पीड़ित महिला के परिवार को न्याय एवं मुआवजा  दिया जाना चाहिए .
डॉ मिश्र ने कहा हर व्यक्ति की समस्या और उसके कारण अलग-अलग होते हैं जिनका समाधान  तर्कसंगत  उपाय  से किया जा सकता है.जादू टोने जैसी मान्यताओं का कोई अस्तित्व ही नहीं है,इस लिए तथाकथित  जादू टोने से ना ही कोई व्यक्ति किसी को भी मार कर सकता है, न ही किसी को परेशानी में डाल सकता हैं और न ही  किसी व्यक्ति  का किसी प्रकार से कोई नुकसान कर सकता है ,जादू टोने ,टोनही, डायन की मान्यता सिर्फ अंधविश्वास है. जिसका का कोई अस्तित्व नहीं है ,और इस प्रकार के शक या सन्देह में किसी भी महिला को प्रताड़ित करना उसके साथ मारपीट करना उसको जला देना  अनुचित,क्रूर  और अपराधिक है .ग्रामीणों को इस प्रकार के अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए .
डॉ मिश्र ने प्रशासन मांग की है कि इस मामले में तुरंत कार्यवाही की जाए तथा आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा  मिले ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की अनुचित हरकत करने की चेष्टा ना कर सके.समिति शीघ्र ही घठोली ग्राम का दौरा करेगी .तथा जनजागरण करेगी.

डॉ. दिनेश मिश्र